Tumbad: भारत की नंबर 1 हॉरर फिल्म, जिसका निर्माण 7 साल में पूरा हुआ, 6 साल के अंतराल के बाद फिर से रिलीज़ हो रही है

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‘Tumbad’ की वापसी: भारत की नंबर 1 हॉरर फिल्म 6 साल बाद सिनेमाघरों में

भारतीय सिनेमा के इतिहास में कुछ फिल्में ऐसी होती हैं, जो दर्शकों के दिल और दिमाग पर गहरा असर छोड़ जाती हैं। ऐसी ही एक फिल्म है ‘Tumbad’, जो 6 साल पहले सिनेमाघरों में रिलीज होकर दर्शकों को पूरी तरह से चौंका चुकी थी। इस फिल्म का क्रेज इतना बढ़ गया था कि लोगों की प्रतिक्रियाएं देखने लायक थीं। अब, इस हिट फिल्म को एक बार फिर से सिनेमाघरों में रिलीज किया जा रहा है, जिससे फिल्म प्रेमियों के बीच एक नई उत्सुकता का माहौल बन गया है।

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‘Tumbad’ की वापसी की खबर

‘तुम्बाड’ को लेकर हाल ही में एक बड़ी खबर सामने आई है। फिल्म मेकर्स ने निर्णय लिया है कि इस फिल्म को 6 साल के लंबे अंतराल के बाद फिर से सिनेमाघरों में रिलीज किया जाएगा। यह एक ऐतिहासिक घटना है, जो दर्शकों को एक बार फिर से इस शानदार हॉरर फिल्म के अनुभव का मौका देगी। 2018 में जब फिल्म रिलीज हुई थी, तो इसकी भयानकता और रोमांच ने दर्शकों को चौंका दिया था। अब एक बार फिर, ‘तुम्बाड’ सिनेमाघरों में अपनी वापसी करने जा रही है, और यह देखकर दर्शक बेहद उत्साहित हैं।

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फिल्म का निर्माण और उसकी कठिनाइयाँ

‘Tumbad’ को बनाने में निर्माता सोहम शाह को काफी मेहनत और समय लगाना पड़ा। फिल्म की निर्माण प्रक्रिया इतनी जटिल थी कि इसे पूरा करने में पूरे सात साल लग गए। सोहम शाह ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि इस फिल्म के लिए उन्होंने अपने फ्लैट और प्रॉपर्टी तक बेच दी थी। यहाँ तक कि उन्हें अपनी कार तक बेचना पड़ा। यह सब करते हुए, सोहम शाह ने कभी नहीं सोचा था कि फिल्म को दर्शकों से इतनी तारीफ मिलेगी। फिल्म की सफलता ने उन्हें पूरी तरह से चौंका दिया और उनकी मेहनत का पूरा फल मिल गया।

तुम्बाड की कहानी: एक नजर

‘तुम्बाड’ की कहानी 1918 के महाराष्ट्र के एक गांव, तुम्बाड से शुरू होती है। इस गांव में विनायक (सोहम शाह) अपने मां और भाई के साथ रहता है। गांव में एक पुरानी कहावत है कि वहां एक खजाना छुपा हुआ है। विनायक और उसकी मां इस खजाने की तलाश में जुटे हुए हैं, लेकिन अचानक ही कुछ घटनाएं घटित होती हैं और विनायक की मां उसे लेकर पुणे चली जाती हैं। 15 साल बाद, विनायक वापस गांव आता है और खजाने की खोज में लग जाता है।

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इस खोज के दौरान, विनायक का सामना हस्तर से होता है, जो एक श्रापित प्राणी है। हस्तर के बारे में कहा जाता है कि उसे उसके लालच और भूख के कारण कभी पूजा नहीं जा सकता। इस कहानी में ऐसे कई रहस्यमय और डरावने मोड़ हैं, जो दर्शकों को अपनी सीट से चिपका कर रखते हैं। फिल्म की कथा और उसके भयावह तत्वों ने दर्शकों को प्रभावित किया और इसे एक हिट बना दिया।

तुम्बाड का प्रभाव और समीक्षाएँ

जब ‘तुम्बाड’ 2018 में रिलीज हुई थी, तो इसने अपनी कहानी, निर्देशन और प्रभावशाली तकनीकी पहलुओं के लिए आलोचकों और दर्शकों से तारीफें बटोरीं। फिल्म ने आईएमडीबी पर 10 में से 8.2 की शानदार रेटिंग प्राप्त की, जो कि किसी भी फिल्म के लिए एक बड़ा सम्मान होता है। यह फिल्म सस्पेंस, थ्रिलर और हॉरर के शानदार मिश्रण के साथ प्रस्तुत की गई थी, जो दर्शकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है।

‘तुम्बाड’ का फ्यूचर और सिनेमाघरों में वापसी

फिल्म ‘तुम्बाड’ की वापसी की खबर ने हॉरर फिल्म प्रेमियों को उत्साहित कर दिया है। सोहम शाह की इस शानदार फिल्म को 30 अगस्त को एक बार फिर सिनेमाघरों में रिलीज किया जा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में, भारतीय सिनेमा में कई हॉरर फिल्में आई हैं, लेकिन ‘तुम्बाड’ की तरह की भयानकता और थ्रिलर का अनुभव कम ही फिल्मों में देखने को मिलता है।

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‘स्त्री 2’ और ‘मुंज्या’ जैसी हॉरर फिल्मों के बड़े कलेक्शन के बाद, ‘तुम्बाड’ की वापसी ने दर्शकों के बीच फिर से हॉरर फिल्म देखने का उत्साह बढ़ा दिया है। यह फिल्म न केवल हॉरर के शौकीनों के लिए एक शानदार अवसर है, बल्कि यह फिल्म इंडस्ट्री में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।

क्यों देखें ‘तुम्बाड’?

अगर आप हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं और आपको एक अनूठा अनुभव चाहिए, तो ‘तुम्बाड’ आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है। फिल्म के हर पल में रोमांच और सस्पेंस का भरपूर आनंद मिलता है। अगर आप इस फिल्म को पहले देख चुके हैं, तो इस बार सिनेमाघरों में इसे बड़े पर्दे पर देखना एक नया और ताजगी भरा अनुभव हो सकता है।

फिल्म के भयानक सीन और डरावनी कथा ने इसे एक उत्कृष्ट हॉरर फिल्म बना दिया है। इसलिए, 30 अगस्त को सिनेमाघरों में जाकर इस फिल्म का आनंद लेना न भूलें। ‘तुम्बाड’ आपको फिर से एक बार डर और रोमांच के अनोखे सफर पर ले जाएगी, जिसे आप कभी भी भूल नहीं पाएंगे।

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