Startup Success Story: नौकरी का रिस्क उठाया, खुद बने बॉस: नवनीत सिंह की 520 करोड़ टर्नओवर की सफलता की कहानी

Startup Success Story

Young Entrepreneur Navneet Kumar: असंभव को संभव बनाने की प्रेरक कहानी

सोहनलाल द्विवेदी की कविता “कोशिश करने वालों की हार नहीं होती” कुछ लोगों पर एकदम सटीक बैठती है, और इनमें से एक हैं नवनीत कुमार सिंह। नवनीत ने अपनी नौकरी छोड़कर खुद की कंपनी शुरू की और अब उनकी कंपनी अरबों रुपये के टर्नओवर तक पहुंच चुकी है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि नवनीत कुमार सिंह ने अपने करियर में किन कठिनाइयों का सामना किया और कैसे उन्होंने अपने सपनों को साकार किया।

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बेगूसराय में बचपन का सफर

नवनीत कुमार सिंह का जन्म बिहार के बेगूसराय जिले के मोहनपुर गांव में हुआ। उनका बचपन वहां बीता। जब नवनीत सिर्फ चार साल के थे, उनके पिता ने परिवार को लेकर गांव से बेगूसराय शहर में शिफ्ट कर दिया। बेगूसराय में उनके फूफा जी का एक प्राइवेट स्कूल विद्या मंदिर चल रहा था। नवनीत ने कक्षा 6 तक की पढ़ाई इसी स्कूल में की। कक्षा 7 के बाद उनका नामांकन केंद्रीय विद्यालय में हुआ, जहां से उनकी पढ़ाई की यात्रा जारी रही।

असम में 10वीं तक की पढ़ाई

नवनीत की मां केंद्रीय विद्यालय में शिक्षिका थीं। जब उनका ट्रांसफर असम के मिसामारी केंद्रीय विद्यालय में हुआ, तो नवनीत ने वहीं पढ़ाई जारी रखी। कक्षा 10 तक की पढ़ाई उन्होंने इसी विद्यालय में की। इसके बाद, उनकी मां का ट्रांसफर बेगूसराय में हुआ, और नवनीत ने 12वीं कक्षा की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय बेगूसराय से पूरी की।

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पिता का प्रोफेसर और मेडिकल दुकान

नवनीत के पिता बेगूसराय में एक मेडिकल की दुकान चलाते थे और साथ ही एक वित्त रहित कॉलेज में प्रोफेसर भी थे। शुरुआती दिनों में कॉलेज की स्थिति अच्छी नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे कॉलेज सरकारी हो गया और नवनीत के पिता एमआरजेडी कॉलेज के प्राध्यापक बन गए।

बेंगलुरु में उच्च शिक्षा

12वीं की पढ़ाई के बाद, नवनीत के पिता ने उन्हें उच्च शिक्षा के लिए बेंगलुरु भेजा। बेंगलुरु में एमएस रमैया कॉलेज में उनका नामांकन हुआ, जहां उन्होंने ग्रेजुएशन और फिर एमबीए की डिग्री प्राप्त की। एमबीए के बाद, नवनीत ने नौकरी करने का निर्णय लिया और 2011 में फ्लिपकार्ट में एचआर डिपार्टमेंट में काम करना शुरू किया।

6 साल की नौकरी का अनुभव

फ्लिपकार्ट में नौकरी करते हुए, नवनीत ने 24000 रुपये वेतन पर काम किया। चार साल फ्लिपकार्ट में काम करने के बाद, उन्होंने ओला और फिर स्विगी कंपनी में भी नौकरी की। कुल मिलाकर, नवनीत ने बेंगलुरु में 6 साल तक विभिन्न कंपनियों में काम किया और विभिन्न विभागों का अनुभव प्राप्त किया।

कंपनी खोलने का निर्णय

6 साल की नौकरी के बाद, नवनीत कुमार सिंह ने खुद का व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया। उन्होंने महसूस किया कि कंपनी में काम करते हुए, उन्हें ऐसा अनुभव हुआ कि कई लोग नौकरी के लिए आते हैं लेकिन उन्हें अपनी पसंद के अनुसार काम नहीं मिल पाता। इसी वजह से, उन्होंने सोचा कि क्यों न खुद की कंपनी शुरू की जाए जो लोगों को उनके मनपसंद काम दे सके।

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3 लाख 75 हजार से कंपनी की शुरुआत

नवनीत ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और खुद की कंपनी खोलने का निर्णय लिया। शुरुआत में, उनके पास कुल 3 लाख 75 हजार रुपये थे, जिसमें से कुछ पैसे उनकी पत्नी ने भी योगदान किए। इस पूंजी से, उन्होंने बेंगलुरु में अपनी कंपनी की शुरुआत की। उनके तीन दोस्तों ने भी कुछ पूंजी लगाई, जिससे कंपनी की कुल पूंजी 15 लाख रुपये हो गई।

‘अवसर’ नाम की कंपनी की शुरुआत

2016 में, नवनीत ने ‘अवसर’ नाम की कंपनी की शुरुआत की। बेंगलुरु में विधिवत ऑफिस खोला और कंपनी को रजिस्टर करवाया। कंपनी खोलना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन नवनीत ने इसे स्वीकार किया और मेहनत की। शुरुआती दिनों में, उनके दोस्तों ने उनकी मदद की, लेकिन बाद में उन्होंने खुद ही कंपनी को चलाना शुरू किया।

माता-पिता से छुपा कर कंपनी खोली

नवनीत ने अपनी कंपनी खोलने के फैसले को माता-पिता से छुपा रखा। उन्हें डर था कि अगर वह नौकरी छोड़कर बिजनेस की बात बताएंगे, तो माता-पिता इस निर्णय के खिलाफ होंगे। उनकी शादी भी हो चुकी थी और उन्होंने सोचा कि परिवार नए रिस्क को स्वीकार नहीं करेगा। लेकिन उनकी पत्नी ने उनके फैसले में पूरा समर्थन किया।

6 महीने का टारगेट

नवनीत ने अपने लिए 6 महीने का टारगेट तय किया। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि अगर 6 महीने में सफलता नहीं मिली, तो वह फिर से नौकरी कर लेंगे। उन्होंने समाज और परिवार के लोगों को अपनी बिजनेस के बारे में तब तक नहीं बताया जब तक कि उनकी कंपनी स्थिर नहीं हो गई।

बेंगलुरु से गुड़गांव शिफ्ट

कंपनी की तरक्की को देखते हुए, नवनीत ने बेंगलुरु से गुड़गांव शिफ्ट होने का फैसला किया। आज उनकी कंपनी का हेड ऑफिस गुड़गांव में स्थित है और यहां लगभग 70 लोग काम कर रहे हैं। बेंगलुरु में भी उनका ऑफिस उसी तरह से काम कर रहा है। उनकी कंपनी आज 20 राज्यों में 44 जगहों पर ऑपरेट करती है, जिसमें बिहार के पटना, बेगूसराय और बांका भी शामिल हैं।

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47 हजार लोगों को रोजगार

नवनीत कुमार सिंह की कंपनी ने इस वर्ष तक करीब 47 हजार लोगों को रोजगार प्रदान किया है। कंपनी जनरल स्टाफिंग, पैरोल स्टाफिंग और क्लाइंट्स के लिए मैनपॉवर सपोर्ट प्रदान करती है। नवनीत की कंपनी कई प्रमुख भारतीय कंपनियों जैसे फ्लिपकार्ट, अमेज़न, रिलायंस, फोनपे, बिगबास्केट आदि के साथ काम करती है।

520 करोड़ का टर्नओवर

2016 में 3 लाख 75 हजार रुपये से शुरू की गई कंपनी आज अरबों रुपये की हो गई है। नवनीत कुमार सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में उनकी कंपनी का टर्नओवर 520 करोड़ रुपये था। 8 वर्षों में उनकी कंपनी ने लाखों से अरबों रुपये तक का सफर तय किया है।

कोविड की चुनौती

कंपनी की शुरुआत के बाद, 2019 के अंत में कोविड-19 का प्रकोप आया। 2020 में, उनकी कंपनी के 15 हजार कर्मचारी थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान 3 दिन के अंदर उनके क्लाइंट्स ने 9000 लोगों को नौकरी से हटा दिया। नवनीत ने बताया कि उस समय मन में घबराहट थी, लेकिन कंपनी ने धीरे-धीरे स्थिति को संभाला। कोविड के दौरान ई-कॉमर्स मार्केट में बूम आया और उनकी कंपनी ने इसे अच्छी तरह से संभाला।

भविष्य की योजनाएं

नवनीत कुमार सिंह का लक्ष्य है कि उनकी कंपनी अगले 5 वर्षों में भारत की टॉप 5 सर्विस और HR प्रोवाइडर कंपनियों में शामिल हो। वर्तमान में उनकी कंपनी देश की टॉप 10 कंपनियों में है। नवनीत इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश की अन्य बड़ी कंपनियों के साथ संपर्क में हैं और लगातार काम कर रहे हैं।

नवनीत कुमार सिंह की कहानी प्रेरणा देती है कि कैसे कठिनाइयों और चुनौतियों के बावजूद एक ठान ली गई दिशा में मेहनत और समर्पण से सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनकी कहानी साबित करती है कि सही दिशा, मेहनत और आत्मविश्वास से असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है।

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