Paris Paralympics 2024: भारत ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में अब तक कुल 20 पदक (3 स्वर्ण, 7 रजत और 10 कांस्य) जीते हैं, जिससे उसने टोक्यो पैरालंपिक में जीते 19 पदकों की संख्या को पार कर दिया है। यह भारत के पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहला अवसर है जब उसने 20 पदक जीते हैं।
Paris Paralympics 2024: छठे दिन का भारतीय प्रदर्शन और ऐतिहासिक उपलब्धियाँ
पेरिस पैरालंपिक 2024 का छठा दिन भारत के लिए बेहद शानदार और ऐतिहासिक रहा। इस दिन भारतीय एथलीट्स ने हाई जंप, जेवलिन थ्रो और 400 मीटर रेस में शानदार प्रदर्शन किया और कुल 5 पदक जीते। भारत ने इस साल के पेरिस पैरालंपिक में अब तक 20 पदक (3 स्वर्ण, 7 रजत और 10 कांस्य) अपने नाम किए हैं, और इस प्रकार उसने टोक्यो पैरालंपिक में जीते 19 पदकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह भारत के पैरालंपिक खेलों के इतिहास में पहली बार है जब उसने 20 पदकों की संख्या को पार किया है, जो भारतीय खेल जगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
हाई जंप और जेवलिन थ्रो में डबल पोडियम फिनिश
पेरिस पैरालंपिक के छठे दिन भारतीय एथलीट्स ने दो महत्वपूर्ण इवेंट्स—हाई जंप और जेवलिन थ्रो—में डबल पोडियम फिनिश हासिल किया। पुरुषों की भाला फेंक F46 स्पर्धा के फाइनल में अजीत सिंह ने 65.62 मीटर के व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ रजत पदक जीता। सुंदर सिंह गुर्जर ने भी सीजन के अपने सर्वश्रेष्ठ 64.96 मीटर थ्रो के साथ कांस्य पदक पर कब्जा किया। इस इवेंट का स्वर्ण पदक क्यूबा के वरोना गोंजालेज ने 66.14 मीटर थ्रो के साथ अपने नाम किया। इस उपलब्धि के साथ ही भारत ने पेरिस पैरालंपिक में एथलेटिक्स में पहली बार डबल पोडियम फिनिश हासिल की।
हाई जंप T63 में भी डबल पोडियम
इसके कुछ ही समय बाद, हाई जंप T63 स्पर्धा में शरद कुमार और मरियप्पन थान्गावेलु ने भारत को एक बार फिर डबल पोडियम फिनिश का मौका दिया। शरद कुमार ने 1.88 मीटर की जंप के साथ रजत पदक प्राप्त किया, जबकि मरियप्पन थान्गावेलु ने 1.85 मीटर की जंप के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। अमेरिका के फ्रेच एजरा ने 1.94 मीटर की जंप के साथ इस इवेंट का स्वर्ण पदक जीता। इस प्रकार, भारत ने हाई जंप T63 में भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए दो पदक जीते।
400 मीटर टी20 दौड़ में दीप्ति जीवनजी का प्रदर्शन
छठे दिन की शुरुआत महिलाओं की 400 मीटर टी20 दौड़ स्पर्धा से हुई, जहां दीप्ति जीवनजी ने 55.82 सेकंड का समय लेकर कांस्य पदक जीता। इस इवेंट का स्वर्ण पदक यूक्रेन की यूलिया शुलियार ने 55.16 सेकंड के समय के साथ जीता, जबकि तुर्किये की आयसेल ओंडर ने 55.23 सेकंड के समय के साथ रजत पदक प्राप्त किया। दीप्ति जीवनजी की इस शानदार उपलब्धि ने भारत के पदक तालिका में एक और महत्वपूर्ण योगदान दिया।
तीरंदाजी और निशानेबाजी में भारतीय प्रदर्शन
तीरंदाजी में पूजा ने महिला व्यक्तिगत रिकर्व ओपन में अपने राउंड ऑफ 16 मैच को आसानी से जीत लिया। हालांकि, उन्होंने क्वार्टर फाइनल में चीन की वू चुनयान के खिलाफ एक बड़ा मौका गंवा दिया। पूजा के पास 9 के तीर से मैच जीतने का अवसर था, लेकिन चूक जाने के कारण वह 4-6 से हार गईं। इस हार के बावजूद, पूजा ने अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया।
निशानेबाजी में अवनि लेखरा ने महिलाओं की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन एसएच1 में फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। हालांकि, मेडल मैच में प्रोन राउंड में कुछ शॉट्स चूकने की वजह से उन्हें एक मजबूत शुरुआत के बाद 5वें स्थान पर रहना पड़ा। अवनि ने टोक्यो पैरालंपिक के बाद पेरिस में भी 10 मीटर में स्वर्ण पदक जीता था और 50 मीटर 3पी में उन्होंने टोक्यो में कांस्य पदक जीता था। उनकी इस निरंतरता ने उनकी प्रतिभा और समर्पण को दर्शाया।
पेरिस पैरालंपिक के पिछले दिन का प्रदर्शन
छठे दिन के पहले, भारत ने पेरिस पैरालंपिक में अपने प्रदर्शन को ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचाया था। कुल आठ पदक जीतकर भारत ने एक नई उपलब्धि की ओर कदम बढ़ाया। एथलेटिक्स में भाग्यश्री जाधव ने महिलाओं के शॉट पुट F34 इवेंट में पांचवे स्थान पर रहते हुए एक शानदार प्रदर्शन किया। इस दिन का प्रदर्शन भारतीय एथलीट्स की मेहनत और लगन का प्रमाण था, जिसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान दिलाई।
पेरिस पैरालंपिक 2024 के छठे दिन भारत के एथलीट्स ने शानदार प्रदर्शन किया और कुल 5 पदक जीते, जिससे भारत ने कुल 20 पदकों की ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। एथलेटिक्स, हाई जंप और जेवलिन थ्रो में डबल पोडियम फिनिश ने भारत के पैरालंपिक खेलों में एक नई पहचान बनाई है। विभिन्न स्पर्धाओं में भारतीय एथलीट्स की मेहनत और समर्पण ने साबित कर दिया है कि भारत खेल जगत में अपनी जगह बना रहा है और भविष्य में और भी सफलताएँ प्राप्त करने की दिशा में अग्रसर है।
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत के पदकवीर
- सुंदर सिंह गुर्जर (एथलेटिक्स पुरुष भाला फेंक)- ब्रॉन्ज मेडल, (F46)
- अवनि लेखरा (शूटिंग)- गोल्ड मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (SH1)
- मोना अग्रवाल (शूटिंग)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर राइफल (SH1)
- प्रीति पाल (एथलेटिक्स)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 100 मीटर रेस (T35)
- मनीष नरवाल (शूटिंग)- सिल्वर मेडल, मेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1)
- रुबीना फ्रांसिस (शूटिंग)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1)
- प्रीति पाल (एथलेटिक्स)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स 200 मीटर रेस (T35)
- निषाद कुमार (एथलेटिक्स)- सिल्वर मेडल, मेन्स हाई जंप (T47)
- योगेश कथुनिया (एथलेटिक्स)- सिल्वर मेडल, मेन्स डिस्कस थ्रो (F56)
- नितेश कुमार (बैडमिंटन)- गोल्ड मेडल, मेन्स सिंगल्स (SL3)
- मनीषा रामदास (बैडमिंटन)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स सिंगल्स (SU5)
- थुलासिमथी मुरुगेसन (बैडमिंटन)- सिल्वर मेडल, वूमेन्स सिंगल्स (SU5)
- सुहास एल यथिराज (बैडमिंटन)- सिल्वर मेडल, मेन्स सिंगल्स (SL4)
- शीतल देवी-राकेश कुमार (तीरंदाजी)- ब्रॉन्ज मेडल, मिक्स्ड कंपाउंड ओपन
- सुमित अंतिल (एथलेटिक्स)- गोल्ड मेडल, मेन्स जैवलिन थ्रो (एफ 64 वर्ग)
- नित्या श्री सिवन (बैडमिंटन)- ब्रॉन्ज मेडल, वूमेन्स सिंगल्स (SH6)
- दीप्ति जीवनजी (एथलेटिक्स)- ब्रॉन्ज मेडल,वूमेन्स 400m (T20)
- मरियप्पन थंगावेलु (एथलेटिक्स पुरुष ऊंची कूद)- ब्रॉन्ज मेडल(T63)
- शरद कुमार (एथलेटिक्स पुरुष ऊंची कूद)- सिल्वर मेडल, (T63)
- अजीत सिंह (एथलेटिक्स पुरुष भाला फेंक)- सिल्वर मेडल, (F46)