Ghaziabad Development Authority की बोर्ड बैठक शुक्रवार को आयोजित की गई, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। लैंड यूज़ एरिया को बढ़ाकर गाजियाबाद, लोनी और मोदीनगर की संयुक्त महायोजना में अब 32,302 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल किया गया है। इसके साथ ही, नए मास्टरप्लान के लागू होने से मोदीनगर और मुरादनगर में नक्शा पास करवाना महंगा हो जाएगा।
गाजियाबाद में शुक्रवार को आयोजित Ghaziabad Development Authority (जीडीए) की बोर्ड बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका प्रभाव पूरे गाजियाबाद क्षेत्र के निवासियों पर पड़ेगा। इस बैठक में मुख्य रूप से इंदिरापुरम हैंडओवर, मास्टरप्लान 2031, और मेट्रो के टीओडी (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) जोन से संबंधित प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। मेरठ में मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई।
बैठक के दौरान जीडीए के वाइस चेयरमैन अतुल वत्स और नगर आयुक्त विक्रमादित्य मलिक ने इंदिरापुरम हैंडओवर के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। इस हैंडओवर के बदले जीडीए को नगर निगम को 185 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा। यह वित्तीय लेन-देन गाजियाबाद नगर निगम और जीडीए के वित्तीय प्रबंधन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेगा।
मास्टरप्लान 2031 में आवास की बढ़ती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आवासीय लैंडयूज को बढ़ाने की कोशिश की गई है। इस नए मास्टरप्लान में 12,873.1 हेक्टेयर क्षेत्र को आवासीय घोषित किया गया है, जबकि मास्टरप्लान 2021 में यह आंकड़ा केवल 7,279.64 हेक्टेयर था। इस वृद्धि का उद्देश्य शहर में आवास की बढ़ती मांग को पूरा करना है। नए मास्टरप्लान के लागू होने के बाद, मोदीनगर और मुरादनगर में नक्शा पास कराने की लागत बढ़ जाएगी। नक्शा पास कराने की लागत 4 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर हो जाएगी, जो नागरिकों और व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण परिवर्तन होगा।
मास्टरप्लान 2031 को सीएम की मंजूरी के बाद लागू किया जाएगा। वर्तमान में, सभी योजनाएँ मास्टरप्लान 2021 के अनुसार चल रही हैं। नए मास्टरप्लान के तहत मोदीनगर और मुरादनगर के अलावा नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड के दोनों किनारों पर आवासीय लैंडयूज को बढ़ाया गया है। इसके साथ ही, कमर्शियल, इंडस्ट्रियल, ऑफिस, सार्वजनिक, मनोरंजन, और परिवहन लैंडयूज की व्यवस्था भी की गई है। जीडीए ने आवासीय लैंडयूज को 39.85 प्रतिशत रखा है। गाजियाबाद, लोनी, और मोदीनगर की संयुक्त महायोजना में कुल 32,302 हेक्टेयर क्षेत्र शामिल किया गया है।
मास्टरप्लान 2031 में गाजियाबाद और मोदीनगर में नॉन कन्फर्मिंग लैंडयूज की समस्या है, जबकि लोनी एरिया में नॉन कन्फर्मिंग लैंडयूज शून्य है। गाजियाबाद में 444.67 हेक्टेयर और मोदीनगर में 963.65 हेक्टेयर नॉन कन्फर्मिंग एरिया है। शासन ने इन क्षेत्रों को समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। नॉन कन्फर्मिंग एरिया वह क्षेत्र होता है जहां मास्टरप्लान के अनुसार कोई लैंडयूज नहीं होता, क्योंकि वहां पर बेतरतीब निर्माण हो चुका होता है।
मेट्रो कॉरिडोर के आसपास एक ही भवन में दो प्रकार के नक्शे पास किए जा सकेंगे, जैसा कि आरआरटीएस कॉरिडोर के साथ हुआ है। इसमें आवासीय और कमर्शियल गतिविधियों को एक ही भवन में समाहित किया जा सकेगा। यह मिक्स लैंडयूज की सुविधा प्रदान करेगा। यदि कोई व्यक्ति अपने भवन को तोड़कर नए तरीके से निर्माण करवाना चाहता है, तो उसे जीडीए से मिक्स लैंडयूज के तहत नक्शा पास करवाना होगा। इसके माध्यम से वह एक ही भवन में आवासीय और कमर्शियल दोनों प्रकार की गतिविधियाँ कर सकेगा। टीओडी जोन के तहत पब्लिक मिक्स लैंडयूज के तहत नक्शा पास कराने पर जीडीए को 600 करोड़ रुपये से अधिक की आय होने की संभावना है। मिक्स लैंडयूज के तहत जीडीए 5 एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) प्रदान कर सकता है, जिससे 8 से 10 मंजिल तक के भवनों का निर्माण किया जा सकेगा। जिन लोगों ने पहले से निर्माण कर लिया है, वे भी नए नक्शे के लिए आवेदन कर सकते हैं।
मास्टरप्लान 2031 में मेट्रो कॉरिडोर के दोनों किनारों के 500-500 मीटर के क्षेत्र को टीओडी जोन के रूप में शामिल किया गया है। इससे इस क्षेत्र में मिक्स लैंडयूज जैसी सुविधाएँ जनता को प्राप्त हो सकेंगी।
मास्टरप्लान 2031 में विभिन्न लैंडयूज की श्रेणियाँ इस प्रकार हैं:
- आवासीय: 39.85 प्रतिशत
- कमर्शियल: 2.18 प्रतिशत
- मिक्स: 1.82 प्रतिशत
- इंडस्ट्रियल: 10.68 प्रतिशत
- कार्यालय: 2 प्रतिशत
- सार्वजनिक: 6.65 प्रतिशत
- मनोरंजन: 19.67 प्रतिशत
- परिवहन: 12.79 प्रतिशत
- नॉन कन्फर्मिंग: 4.36 प्रतिशत
इन प्रस्तावों और बदलावों के माध्यम से गाजियाबाद के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। इन निर्णयों से नगर नियोजन और विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन होंगे, जो शहर की संरचना और सेवाओं पर व्यापक प्रभाव डालेंगे।